Thursday, March 30, 2023

श्रीराम नवमी -- विक्रमी सम्वत २०८०

श्रीराम नवमी के अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद् से सम्बद्ध राष्ट्रभाषा विचार मंच के तत्त्वावधान में एक ऑनलाइन विचार- साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें अम्बाला व अन्य स्थलों से कवियों- बुद्धिजीवियों ने भाग लिया और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम व रामकथा से सम्बन्धित सांस्कृतिक परिचर्चा में भाग लेते हुए अपनी अपनी काव्य रचनाएँ भी प्रस्तुत कीं | मंच के महामन्त्री डॉ. जय प्रकाश गुप्त द्वारा देवी सरस्वती की आराधना से कार्यक्रम के आरंभ में सभी उपस्थित प्रतिभागियों को श्रीराम नवमी की बधाई प्रेषित करते हुए सभी का स्वागत किया गया और श्रीराम जन्म सम्बन्धी प्रमाणिक शास्त्रीय वर्णन प्रस्तुत करते हुए डॉ. गुप्त ने वाल्मीकीय रामायण, अध्यात्म रामायण व रामचरितमानस से राम जन्म सम्बन्धी प्रकरण की प्रस्तुति की व उसमें एकरूपता को रेखांकित किया | राम को भारत की चेतना व अस्मिता का आधार बताते हुए डॉ. गुप्त ने श्रीराम के अनुपम गुणगान करती एक काव्य रचना पढ़ी | दिल्ली से जुड़ीं अंतर्राष्ट्रीय कवयित्री पूनम माटिया ने रामकथा के विभिन्न पात्रों को समर्पित अनेक मुक्तकों की प्रस्तुति की, सम्पाती पर बोलते हुए पूनम जी की रचना के शब्द, “बोले सम्पाती यूँ राम का काज हो, दे चुनौती कोई अब असुर राज को.. बल अतुल मति विपुल मन में विश्वास भर पार सागर करे बन पवन आज जो” | गुरुग्राम से जुड़ीं शशि आनन्द ने रामकथा सम्बन्धित अनेक दृष्टान्त प्रस्तुत करते हुए राम नाम के महत्त्व को कलियुग में अत्यन्त आशु लाभकारी बताया व इसके अनुभव भी बताए ....एक रामभजन भी प्रस्तुत किया | अम्बाला शहर से अनीता चोपड़ा ने राम नवमी पर शुभकामनाएं प्रषित करते हुए अपनी एक रचना प्रस्तुत की | पंचकुला से जुडी शिक्षिका रेखा शर्मा ने भगवान् राम की स्तुति स्वरूप २ भजन प्रस्तुत किये और रामभक्ति के महत्त्व पर अपना मत प्रस्तुत किया | कवि रोहित शर्मा ने राम जन्म का ही एक दृश्य अपनी कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया...”ढोल व् नगाड़े बजे घर और द्वार सजे देवगण सारे आज धरा को निहारे हैं, लाखों लाख लोग जाने घोर पाप कर डारे आई ऐसी घड़ी जब जनम सुधारे हैं, मात पितु गुरु सब खुशियाँ मनाए रहे थाल को सजाय सब आरती उतारे हैं, देख रहे एकटक ठहर के दिनकर चैत नवमी को मेरे राम जी पधारे हैं” | आर्य कन्या महाविद्यालय, शाहाबाद मारकंडा की पूर्व प्राचार्य डॉ. भारती बन्धु ने भी रामकथा पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए रामस्तुती में एक मधुर गीत प्रस्तुत किया व सब को शुभकामनाएं प्रेषित कीं | मंच की प्रधान डॉ. शशि धमीजा ने मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आदर्शों की विस्तृत व्याख्या करते हुए राम व रामकथा पर समाज में सन्देह उपस्थित करने वाली घटनाओं पर अपनी चिन्ता व्यक्त की व बुद्धिजीवियों द्वारा रामविरोधी विमर्श का कठोर प्रतिकार करने की अपेक्षा की | कुछ शब्दों- वाक्यों अथवा किसी कतिपय घटना की विकृत व्याख्या से राम अथवा रामकथा के लेखक के तिरस्कार का भारत में कोई स्थान नहीं होना चाहिए | डॉ. शशि धमीजा ने एक भजन भी प्रस्तुत किया व उपस्थित सभी प्रतिभागियों के प्रति मंच की ओर से आभार ज्ञापित किया | आयोजन में लखनऊ से पवन जैन, अम्बाला से ही पूनम जैन व देवकी गुप्ता ने भी सक्रिय भाग लिया | सामूहिक वन्देमातरम गायन से कार्यक्रम का समापन हुआ | डॉ. जय प्रकाश गुप्त, महामन्त्री मोब. ९३१५५१०४२५, ७०१५०५९१०१