Sunday, June 22, 2008

दस दिवसीय संस्कृति शिक्षण कार्यशाला

दस दिवसीय संस्कृति शिक्षण कार्याशाला


विद्यार्थियों में भारतीय संस्कृति की विशेषतायें व उसका महत्व बताने के उद्देश्य से राष्ट्रभाषा विचार मंचद्वारा ग्रीष्मावकाश में बृहस्पतिवार १२ जून से शनिवार २१ जून तक एक दस दिवसीय संस्कृति शिक्षण कार्यशाला का सनातन धर्म वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, अम्बाला छावनी में आयोजन किया गया। कार्यशाला का समय प्रतिदिन प्रात: ७ से ९ रखा गया व कक्षा ११ व १२ के छात्र- छात्राओं ने इसमें भाग लिया।

कार्यशाला में शिक्षण के जो विषय लिये गये उनकी सूची इस प्रकार है-

भारत की एक सांस्कृतिक राष्ट्र के रूप में व्याख्या, इतिहास, महापुरुष, तीर्थ, पर्व, परम्पराएं, सामाजिक चेतना।

धर्म, सम्प्रदाय, पन्थ, मजहब, Religion, हिन्दु।

वांग्मय- वेद, पुराण, उपनिषद, धर्मशास्त्र, नीतिशास्त्र, रामायण, महाभारत तथा अन्य महत्वपूर्ण हिन्दी व संस्कृतिक साहित्य।

भारतीय ज्ञान- विज्ञान, ज्योतिष, आयुर्वेद, संगीत, योग आदि।
अन्य विषय- गुरुमुखी लिपी, लेखन कला, चित्रकला आदि।

जिन विद्वानों ने उपरोक्त विषयों पर व्यख्यान दिये उनके नाम इस प्रकार हैं-

डॉ. लीलाधर वियोगी, डॉ. नरेश बत्रा, डॉ. प्रतिभा पुरन्धि, डॉ. उर्मिल गुप्त, डॉ. शशि धमीजा, डॉ. रूपा जैन, डॉ. जय प्रकाश गुप्त, डॉ. रत्नसिंह ढिल्लों, श्रीमती उर्मिकृष्ण आदि।

कार्यशाला के समापन समारोह का आयोजन इसी विद्यालय के सभागार में किया गया जिसमें कार्याशाला में उपस्थित रहे शिक्षक, विद्यार्थियों के अभिभावकों के अतिरिक्त नगर के कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। सभी शिक्षार्थियों ने कार्यशाला के अपने अनुभव से सभी को परिचित कराया व राष्ट्रभक्ति के गीतों, कविताओं से सभी का मन मोह लिया। मंच संचालन भी एक विद्यार्थी मोहित ने किया। मंच की ओर से सभी को प्रमाण पत्र व एक- एक श्रीमद्भग्वद्गीता भेंट स्वरूप दी गयी।