Saturday, May 17, 2008

नवसम्वत्











रविवार दिनांक ६ अप्रैल २००८- विक्रमी सम्वत् २०६५ के स्वागतार्थ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन अम्बाला छावनी के इतिहास में पहली बार राष्ट्रभाषा विचार मंच द्वारा एक अनूठे कार्यक्रम का आयोजन किया गया। नगर के मुख्य केन्द्र सदर बाज़ार में एक मण्डप में एक यज्ञ से कार्यक्रम का प्रारम्भ हुआ जिसके यजमान एक केशधारी हिन्दु (सिख) अम्बाला के एक प्रतिष्ठित विधि- अधिवक्ता श्री दलजीत सिंह पूनिया रहे। यज्ञ के उपरान्त भारत माता के विशाल चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ पुष्पांजलि अर्पित की गयी। सभी ने समवेत स्वर से वन्देमातरम गीत का गायन किया। प्रख्यात विद्वान डॉ. कामदेव झा व ज्योतिषाचार्य डॉ. श्यामनाथ झा द्वारा नवसम्वत् व भारतीय कालगणना का महत्व बताया गया। इस अवसर के लिये विशेष रूप से मुद्रित पत्रकों सहित नवसम्वत् के बधाई संदेश के साथ प्रसाद का वितरण किया गया। इसके साथ-साथ हिन्दु नववर्ष के बधाई संदेश के साथ नवसम्वत् के महत्व की जानकारी की घोषणा की जाती रही। इस अवसर पर नगर के अनेकों गणमान्य नागरिकों के अतिरिक्त मंच के उप- प्रधान श्री उदय ठाकुर, डॉ. उर्मिल गुप्त., महामन्त्री डॉ. जय प्रकाश गुप्त व मंच के अनेक सदस्य- सर्वश्री मदन लाल वर्मा, सोम प्रकाश चसवाल, जितेन्द्र सूद, कु. नम्रता गौड़, सोनिका आदि भी उपस्थित रहे।

Tuesday, May 6, 2008











आठवाँ स्थापना दिवस समारोह- शनिवार दिनाँक २६ जनवरी २००८ के दिन मंच की स्थापना के आठ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में मंच का आठवां स्थापना दिवस समारोह अम्बाला छावनी के हर्गोलाल कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. श्याम नाथ झा ने की व मुख्य अतिथि प्रख्यात समाज सेवी श्री अरुण कुमार रहे। पूर्व परम्परा का निर्वहण करते हुए इस वर्ष के संस्कृति सम्मान से गीता- गोपाल नामक सामाजिक सांस्कृतिक संगठन के संस्थापक श्री राकेश मोहन को विभूषित किया गया। इस हेतु उन्हें मंच की ओर से एक् प्रशस्ति-पत्र, शॉल, व श्रीफल भेंट किया गया। श्री राकेश मोहन ने इस सम्मान के लिये मंच के प्रति आभार ज्ञापित किया व मंच को हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया। मंच के महामन्त्री डॉ. जय प्रकाश गुप्त ने मंच की गतिविधियों की जानकारी प्रस्तुत की।
सहित्यिक कार्यक्रम में १३ कवियों ने अपने काव्यपाठ से सदस्यों व अभ्यागतों का मनोरंजन किया। सामूहिक वन्देमातरम् गायन से कार्यक्रम का समापन हुआ।