Thursday, September 14, 2023

हिन्दी दिवस - संगोष्ठी १३ सितम्बर २०२३

हिन्दी दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद से सम्बद्ध राष्ट्रभाषा विचार मंच के तत्त्वावधान में एक ऑनलाइन विचार- साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें भारत के विभिन्न स्थानों से लगभग २३ प्रतिभागी जुड़े कार्यक्रम का आरम्भ मंच के महामंत्री डॉ. जय प्रकाश गुप्त द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वन्दना से हुआ जिसके उपरान्त दिल्ली से जुड़े रवि शंकर ने हिन्दी की संस्कृति व इतिहास की चर्चा करते हुए इसमें उर्दू व अंग्रेजी शब्दों के सम्मिश्रण से उत्पन्न विकृति पर चिन्ता व्यक्त की और इससे बचने का परामर्श दिया, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय पत्रकारिता विभाग के प्रोफेसर प्रदीप रॉय ने मीडिया की हिन्दी की चर्चा की व उसमें प्रयुक्त अन्य भाषाओं के शब्दों के प्रचलन के बढ़ने पर चिन्ता जताई, अम्बाला शहर से जुड़े अजय कत्याल ने अपने व्यवहार में हिन्दी के अधिकाधिक प्रयोग पर बल दिया, फरीदाबाद से जुड़े शल्य चिकित्सक डॉ. राजीव पुंडीर ने हिन्दी लेखकों की समस्याओं की चर्चा करते हुए पाठकों की घटती संख्या पर चिन्ता प्रकट की, अम्बाला शहर की कवयित्री दिया शर्मा ने हिन्दी दिवस पर अपने विचार व कविता प्रस्तुत की, देव समाज कॉलेज अम्बाला शहर की पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष मुक्ता अरोड़ा ने भी विद्यार्थियों में हिन्दी के प्रति अरुचि के प्रति चिन्ता प्रकट की, शिक्षक व कवयित्री क्षमा लाम्बा ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं | असम से जुड़े गौरब ज्योति हज़ारिका ने असम में हिन्दी की स्थिति की चर्चा करते हुए असम में हिन्दी के प्रति यथोचित सम्मान से अवगत कराया और भारत में भाषायी समन्वय की अधिक आवश्यकता पर बल दिया, संस्कृत शिक्षक नीरज आचार्य ने हिन्दी की शब्दावली के लिए संस्कृत की अपरिहार्यता की चर्चा करते हुए शिक्षण संस्थाओं में प्रतिबद्ध हिन्दी- संस्कृत शिक्षकों के लिए अनुकूल वातावरण न होने पर चिन्ता प्रकट की, दिल्ली से जुड़ीं अन्तर्राष्ट्रीय कवयित्री पूनम माटिया ने अपनी श्रेष्ठ रचनाओं से सबका मन मोह लिया, अखिल भारतीय साहित्य परिषद हरियाणा शाखा के संयोजक डॉ. सारस्वत मोहन मनीषी ने हिन्दी व देशभक्ति को समर्पित अपनी दो रचनाएं प्रस्तुत कीं व सभी को परिषद से जुडने का निमन्त्रण दिया, मंच की प्रधान डॉ. शशि धमीजा ने हिन्दी दिवस पर सभी को बधाई प्रेषित करते हुए कार्यक्रम में जुड़े सभी प्रतिभागियों के प्रति कृतज्ञता प्रकट की व अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं | कार्यक्रम में उपरोक्त के अतिरिक्त दिल्ली से डॉ. अरुण चावला, कैथल से हरियाणा रेड क्रॉस के मुख्य सचिव डॉ. मुकेश अग्रवाल, दिल्ली से कवयित्री पूनम वर्मा, चंडीगढ़ से जन्तु विज्ञान के सेवानिवृत्त प्रो. सुभाष वत्स, जीरकपुर पंजाब से देवकी गुप्ता, गुरुग्राम से सुशील आनन्द, अम्बाला शहर से गौरी वन्दना, अम्बाला से ही प्रो. सरयू शर्मा, प्रो. विजय शर्मा आदि ने भी कार्यक्रम में भाग लिया | सर्वसम्मति से सनातन हिन्दू धर्म के विनाश सम्बन्धी विभिन्न राजनेताओं की टिप्पणियों के तीव्र विरोध का प्रस्ताव पारित हुआ, नई शिक्षा नीति में प्रारम्भिक शिक्षा का माध्यम मातृभाषा सम्बन्धी निर्देश होने पर भी हरियाणा में सरकारी स्तर पर अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों की नीति को तुरन्त निरस्त करके सभी निजी व सरकारी विद्यालयों में नई शिक्षा नीति के माध्यम- भाषा सम्बन्धी निर्देश का कठोरता से पालन हो- यह प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पारित हुआ | सामूहिक वन्देमातरम के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ |