Thursday, September 14, 2023

हिन्दी दिवस - संगोष्ठी १३ सितम्बर २०२३

हिन्दी दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद से सम्बद्ध राष्ट्रभाषा विचार मंच के तत्त्वावधान में एक ऑनलाइन विचार- साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें भारत के विभिन्न स्थानों से लगभग २३ प्रतिभागी जुड़े कार्यक्रम का आरम्भ मंच के महामंत्री डॉ. जय प्रकाश गुप्त द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वन्दना से हुआ जिसके उपरान्त दिल्ली से जुड़े रवि शंकर ने हिन्दी की संस्कृति व इतिहास की चर्चा करते हुए इसमें उर्दू व अंग्रेजी शब्दों के सम्मिश्रण से उत्पन्न विकृति पर चिन्ता व्यक्त की और इससे बचने का परामर्श दिया, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय पत्रकारिता विभाग के प्रोफेसर प्रदीप रॉय ने मीडिया की हिन्दी की चर्चा की व उसमें प्रयुक्त अन्य भाषाओं के शब्दों के प्रचलन के बढ़ने पर चिन्ता जताई, अम्बाला शहर से जुड़े अजय कत्याल ने अपने व्यवहार में हिन्दी के अधिकाधिक प्रयोग पर बल दिया, फरीदाबाद से जुड़े शल्य चिकित्सक डॉ. राजीव पुंडीर ने हिन्दी लेखकों की समस्याओं की चर्चा करते हुए पाठकों की घटती संख्या पर चिन्ता प्रकट की, अम्बाला शहर की कवयित्री दिया शर्मा ने हिन्दी दिवस पर अपने विचार व कविता प्रस्तुत की, देव समाज कॉलेज अम्बाला शहर की पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष मुक्ता अरोड़ा ने भी विद्यार्थियों में हिन्दी के प्रति अरुचि के प्रति चिन्ता प्रकट की, शिक्षक व कवयित्री क्षमा लाम्बा ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं | असम से जुड़े गौरब ज्योति हज़ारिका ने असम में हिन्दी की स्थिति की चर्चा करते हुए असम में हिन्दी के प्रति यथोचित सम्मान से अवगत कराया और भारत में भाषायी समन्वय की अधिक आवश्यकता पर बल दिया, संस्कृत शिक्षक नीरज आचार्य ने हिन्दी की शब्दावली के लिए संस्कृत की अपरिहार्यता की चर्चा करते हुए शिक्षण संस्थाओं में प्रतिबद्ध हिन्दी- संस्कृत शिक्षकों के लिए अनुकूल वातावरण न होने पर चिन्ता प्रकट की, दिल्ली से जुड़ीं अन्तर्राष्ट्रीय कवयित्री पूनम माटिया ने अपनी श्रेष्ठ रचनाओं से सबका मन मोह लिया, अखिल भारतीय साहित्य परिषद हरियाणा शाखा के संयोजक डॉ. सारस्वत मोहन मनीषी ने हिन्दी व देशभक्ति को समर्पित अपनी दो रचनाएं प्रस्तुत कीं व सभी को परिषद से जुडने का निमन्त्रण दिया, मंच की प्रधान डॉ. शशि धमीजा ने हिन्दी दिवस पर सभी को बधाई प्रेषित करते हुए कार्यक्रम में जुड़े सभी प्रतिभागियों के प्रति कृतज्ञता प्रकट की व अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं | कार्यक्रम में उपरोक्त के अतिरिक्त दिल्ली से डॉ. अरुण चावला, कैथल से हरियाणा रेड क्रॉस के मुख्य सचिव डॉ. मुकेश अग्रवाल, दिल्ली से कवयित्री पूनम वर्मा, चंडीगढ़ से जन्तु विज्ञान के सेवानिवृत्त प्रो. सुभाष वत्स, जीरकपुर पंजाब से देवकी गुप्ता, गुरुग्राम से सुशील आनन्द, अम्बाला शहर से गौरी वन्दना, अम्बाला से ही प्रो. सरयू शर्मा, प्रो. विजय शर्मा आदि ने भी कार्यक्रम में भाग लिया | सर्वसम्मति से सनातन हिन्दू धर्म के विनाश सम्बन्धी विभिन्न राजनेताओं की टिप्पणियों के तीव्र विरोध का प्रस्ताव पारित हुआ, नई शिक्षा नीति में प्रारम्भिक शिक्षा का माध्यम मातृभाषा सम्बन्धी निर्देश होने पर भी हरियाणा में सरकारी स्तर पर अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों की नीति को तुरन्त निरस्त करके सभी निजी व सरकारी विद्यालयों में नई शिक्षा नीति के माध्यम- भाषा सम्बन्धी निर्देश का कठोरता से पालन हो- यह प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पारित हुआ | सामूहिक वन्देमातरम के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ |

Monday, April 24, 2023

लक्ष्मी देवी स्कूल में पुरस्कार वितरण

राष्ट्रभाषा विचार मंच द्वारा 16 फरवरी को आयोजित श्रुतलेख प्रतियोगिता का आज पुरस्कार वितरण लक्ष्मी देवी आर्य गर्ल्स हाई स्कूल, रामबाग रोड, अम्बाला छावनी में किया गया । इस प्रतियोगिता में कक्षा चार व पाँच के लगभग 40 बच्चों ने भाग लिया था । मुख्य अभ्यागत भारतीय जनता पार्टी अम्बाला छावनी महिला मोर्चा की अध्यक्ष श्रीमती विजय गुप्ता ने प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त विद्यार्थियों को मंच की ओर से पुरस्कार व प्रमाण पत्र दिए । इस अवसर पर बोलते हुए श्रीमती विजय गुप्ता ने बच्चों को प्रेरणा व प्रोत्साहन का संदेश देते हुए अपनी भाषा व राष्ट्र के प्रति समर्पित भाव से अपने उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर रहने को प्रेरित किया । इस अवसर पर उपस्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की पूर्व विज्ञान अध्यापिका श्रीमती देवकी गुप्ता ने बच्चों को अपनी मातृभाषा व संस्कृत के महत्व से अवगत कराते हुए प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं प्रेषित कीं । मंच की प्रधान डॉ. शशि धमीजा ने सिद्धान्त एवम् व्यवहार दोनों में अपनी राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रति आग्रही होने पर बल देते हुए विद्यालय के विद्यार्थियों व शिक्षिकाओं की सराहना की व प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों को बधाई दी । मंच के महामन्त्री डॉ. जय प्रकाश गुप्त ने सभी प्रतियोगी विद्यार्थियों की सराहना करते हुए विद्यालय के शिक्षक वर्ग की भी प्रशंसा की व शुभकामनाएं प्रेषित कीं व विद्यालय के प्रति आभार व्यक्त किया । विद्यालय की प्रधानाध्यापिका श्रीमती मोनिका शर्मा व प्राथमिक वर्ग की मुख्याध्यापिका श्रीमती मंजू देवी ने प्रतियोगिता के आयोजन के लिए राष्ट्रभाषा विचार मंच के प्रति धन्यवाद प्रस्तुत किया व भविष्य में भी ऐसे आयोजनों के लिए मंच को निमन्त्रित किया । आयोजन में विशिष्ट अभ्यागत के रूप में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की पूर्व विज्ञान शिक्षिका देवकी गुप्ता भी उपस्थित रहीं । पुरस्कारों की श्रृंखला में प्रथम पुरस्कार कक्षा चार के अंश को, द्वितीय कक्षा पाँच की अक्षरा को व तृतीय कक्षा पांच की शिवानी को दिया गया ।

Friday, April 21, 2023

EARTH DAY- 2023

क्या यह संयोग-मात्र है कि समस्त जड़-चेतन को धारण करने वाली पृथ्वी को धरा- वसुन्धरा- धरती शब्दों से अलंकृत कर भूमि के धारणीय गुण को व्याख्यायित किया गया अथवा भारतीय मनीषियों की वैचारिक-बौद्धिक स्पष्टता ? निश्चित ही धरा शब्द धर्म की ही भान्ति धृ धातु से निष्पन्न होने के कारण स्वाभाविक ही धारणा गुणसम्पन्न है किन्तु क्या धर्म से भी कुछ सम्बन्ध है पृथ्वी का ? अथर्ववेद के १२वें काण्ड के प्रथम सूक्त का नाम भूमि-सूक्त है, जिसमे ६३ मन्त्र हैं ! इसमें से जिन मन्त्रों में भूमि के आधारभूत तत्वों का वर्णन है उनके आधार पर वर्तमान में पृथ्वी की दुर्दशा के कारणों व वैदिक ऋषियों के कालबाह्य सिद्धान्तों को समझने में निश्चित ही एक समुचित दिशा मिल सकती है जिसके आधार पर मानवमात्र SAVE EARTH की चिन्ता का निदान-पूर्व उपचार कर सकता है ! क्या हैं पृथ्वी की स्थिति के आधार ? भूमि-सूक्त का प्रथम मन्त्र “सत्यं बृहदुग्रं दीक्षा तपो ब्रह्म यज्ञ: पृथिवीं धारयन्ति” सत्य- तप- ब्रह्म और यज्ञ ही प्रथ्वी की स्थिति के आधार हैं, यह घोषणा करता है ! आठवें मन्त्र में सत्य को पुन: रेखांकित करते हुए “यस्या हृदयं परमे व्योमन् सत्येनावृतं अमृतं पृथिव्या:” पृथ्वी का हृदय सत्य से ओत-प्रोत है, ऐसे अमृतवचन से सत्य के महत्व को सहज ही समझा जा सकता है ! इतके अतिरिक्त अथर्ववेद १२.१.१७ के अनुसार पृथ्वी की धारणा धर्म के द्वारा होती है “भूमिं पृथिवीं धर्मणा धृताम्” ! यह मन्त्र धरा और धर्म के धारणीय स्वभाव व इन दोनों शब्दों के उद्भव में “धृ” धातु की समानता के तार्किक व वैज्ञानिक पक्ष को दर्शाता है ! आज यदि पृथ्वी के अस्तित्व पर संकट अनुभव किया जा रहा है तथा इस संकट के निवारण के उपायों पर विचार किया जा रहा है, तब अथर्ववेद के यह मन्त्र निश्चित रूप से सम्पूर्ण विश्व समुदाय का पथ प्रशस्त कर सकते हैं ! यह मन्त्र मुल्त: धर्म के महत्व को स्थापित करते हैं, क्योंकि सत्य, तप आदि भी तो धर्म ही हैं ! मानवमात्र के उदात्ततम गुण/भाव ही धर्म हैं और यह न केवल मानव-मात्र के लिए धारणीय तत्व है वरन सृष्टि- समष्टि- पृथ्वी के अस्तित्व का लिए भी अनिवार्य है ! मनुष्यों के अतिरिक्त जड़-चेतन जगत स्वधर्म पालन करता ही है, केवल मनुष्य ही कतिपय स्वार्थवश अधर्म में पदार्पण करता है और केवल अपना ही नहीं जगती के विनाश का भी कारण बनता है ! आइये EARTH DAY के अवसर पर भूमि-सूक्त के अन्तिम मन्त्र १२.१.६३ “भूमे मातर्नि धेहि मा भद्रया सुप्रतिष्ठितम्”- “हे भूमि माँ मुझे अपने समस्त कल्याणभाव के बन्धन में रखना”, यह प्रार्थना करते हुए विश्व मंगल की कामना करें ! समुद्रवसने देवि Samudra Vasane Devi Mother Earth समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमण्डले । विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्वमे ॥ Samudra-Vasane Devi Parvata-Stana-Mannddale | Vissnnu-Patni Namastubhyam Paada-sparsham Kssama-Svame || Meaning: 1: (Oh Mother Earth) The Devi Who is having Ocean as Her Garments and Mountains as Her Bosom, 2: Who is the Consort of Sri Vishnu, I Bow to You; Please Forgive Us for Touching You with Our Feet. भारत से अधिक किसने समझा है पृथ्वी का महत्व ? वन्देमातरम ! डॉ. जय प्रकाश गुप्त 0

Thursday, March 30, 2023

श्रीराम नवमी -- विक्रमी सम्वत २०८०

श्रीराम नवमी के अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद् से सम्बद्ध राष्ट्रभाषा विचार मंच के तत्त्वावधान में एक ऑनलाइन विचार- साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें अम्बाला व अन्य स्थलों से कवियों- बुद्धिजीवियों ने भाग लिया और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम व रामकथा से सम्बन्धित सांस्कृतिक परिचर्चा में भाग लेते हुए अपनी अपनी काव्य रचनाएँ भी प्रस्तुत कीं | मंच के महामन्त्री डॉ. जय प्रकाश गुप्त द्वारा देवी सरस्वती की आराधना से कार्यक्रम के आरंभ में सभी उपस्थित प्रतिभागियों को श्रीराम नवमी की बधाई प्रेषित करते हुए सभी का स्वागत किया गया और श्रीराम जन्म सम्बन्धी प्रमाणिक शास्त्रीय वर्णन प्रस्तुत करते हुए डॉ. गुप्त ने वाल्मीकीय रामायण, अध्यात्म रामायण व रामचरितमानस से राम जन्म सम्बन्धी प्रकरण की प्रस्तुति की व उसमें एकरूपता को रेखांकित किया | राम को भारत की चेतना व अस्मिता का आधार बताते हुए डॉ. गुप्त ने श्रीराम के अनुपम गुणगान करती एक काव्य रचना पढ़ी | दिल्ली से जुड़ीं अंतर्राष्ट्रीय कवयित्री पूनम माटिया ने रामकथा के विभिन्न पात्रों को समर्पित अनेक मुक्तकों की प्रस्तुति की, सम्पाती पर बोलते हुए पूनम जी की रचना के शब्द, “बोले सम्पाती यूँ राम का काज हो, दे चुनौती कोई अब असुर राज को.. बल अतुल मति विपुल मन में विश्वास भर पार सागर करे बन पवन आज जो” | गुरुग्राम से जुड़ीं शशि आनन्द ने रामकथा सम्बन्धित अनेक दृष्टान्त प्रस्तुत करते हुए राम नाम के महत्त्व को कलियुग में अत्यन्त आशु लाभकारी बताया व इसके अनुभव भी बताए ....एक रामभजन भी प्रस्तुत किया | अम्बाला शहर से अनीता चोपड़ा ने राम नवमी पर शुभकामनाएं प्रषित करते हुए अपनी एक रचना प्रस्तुत की | पंचकुला से जुडी शिक्षिका रेखा शर्मा ने भगवान् राम की स्तुति स्वरूप २ भजन प्रस्तुत किये और रामभक्ति के महत्त्व पर अपना मत प्रस्तुत किया | कवि रोहित शर्मा ने राम जन्म का ही एक दृश्य अपनी कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया...”ढोल व् नगाड़े बजे घर और द्वार सजे देवगण सारे आज धरा को निहारे हैं, लाखों लाख लोग जाने घोर पाप कर डारे आई ऐसी घड़ी जब जनम सुधारे हैं, मात पितु गुरु सब खुशियाँ मनाए रहे थाल को सजाय सब आरती उतारे हैं, देख रहे एकटक ठहर के दिनकर चैत नवमी को मेरे राम जी पधारे हैं” | आर्य कन्या महाविद्यालय, शाहाबाद मारकंडा की पूर्व प्राचार्य डॉ. भारती बन्धु ने भी रामकथा पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए रामस्तुती में एक मधुर गीत प्रस्तुत किया व सब को शुभकामनाएं प्रेषित कीं | मंच की प्रधान डॉ. शशि धमीजा ने मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आदर्शों की विस्तृत व्याख्या करते हुए राम व रामकथा पर समाज में सन्देह उपस्थित करने वाली घटनाओं पर अपनी चिन्ता व्यक्त की व बुद्धिजीवियों द्वारा रामविरोधी विमर्श का कठोर प्रतिकार करने की अपेक्षा की | कुछ शब्दों- वाक्यों अथवा किसी कतिपय घटना की विकृत व्याख्या से राम अथवा रामकथा के लेखक के तिरस्कार का भारत में कोई स्थान नहीं होना चाहिए | डॉ. शशि धमीजा ने एक भजन भी प्रस्तुत किया व उपस्थित सभी प्रतिभागियों के प्रति मंच की ओर से आभार ज्ञापित किया | आयोजन में लखनऊ से पवन जैन, अम्बाला से ही पूनम जैन व देवकी गुप्ता ने भी सक्रिय भाग लिया | सामूहिक वन्देमातरम गायन से कार्यक्रम का समापन हुआ | डॉ. जय प्रकाश गुप्त, महामन्त्री मोब. ९३१५५१०४२५, ७०१५०५९१०१
अखिल भारतीय साहित्य परिषद् से सम्बद्ध राष्ट्रभाषा विचार मंच के तत्त्वावधान में एक ऑनलाइन विचार-साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमे अम्बाला व अन्य स्थलों से अनेक प्रतिभागियों ने विचार विनिमय के साथ अपनी काव्य रचनाएं प्रस्तुत कीं | नवसम्वत् (विक्रमी २०८०), चैत्र नवरात्र तथा भगत सिंह- राजगुरु- सुखदेव के बलिदान दिवस पर आयोजित इस संगोष्ठी में उपस्थित सभी प्रतिभागियों के स्वागत के उपरान्त मंच के महामन्त्री डॉ. जय प्रकाश गुप्ता ने देवी सरस्वती को समर्पित एक गीत प्रस्तुत किया और भारतीय नववर्ष तथा चैत्र नवरात्र पर अपने संक्षिप्त विचार प्रस्तुत किये | भगत सिंह आदि समस्त क्रान्तिकारियों के प्रति भी कृतज्ञतापूर्ण उद्गार ज्ञापित किये | फरीदाबाद से जुड़े शल्य चिकित्सक डॉ. राजीव पुण्डीर ने क्रान्तिकारियों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए भारत सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से विक्रमी के स्थान पर शक सम्वत को अपनाने पर आश्चर्य व खेद प्रकट किया व विक्रमी सम्वत के सर्वकालिक महत्त्व को रेखांकित करते हुए इसे शासकीय व्यवहार और जनसामान्य में अधिक प्रयोग में लाए जाने की इच्छा प्रकट की | बलिदान दिवस पर तीनों बलिदानियों में केवल भगत सिंह पर बल दिए जाने के कारण पर भी डॉ. पुण्डीर ने आश्चर्य प्रकट किया | मंजू नान्दरा ने सभी को चैत्र नवरात्र व् नव वर्ष की शुभकामनाओं के साथ वीर क्रान्तिकारी बलिदानियों के शौर्य की चर्चा की व् औपचारिक शिक्षा पाठ्यक्रम में इन बलिदानियों के अपेक्षाकृत कम उल्लेख पर खेद प्रकट की, एक देशभक्ति का गीत भी सुनाया | अम्बाला शहर से जुड़ीं गौरी वंदना ने नवसंवत पर एक सार्थक रचना प्रस्तुत की व सभी को नववर्ष व नवरात्र की बधाई दी | पूजा बेदी ने देशप्रेम पर एक सुन्दर गीत प्रस्तुत किया जिसे सभी ने सराहा | प्रो. सुरेश लखनपाल ने भी एक भावपूर्ण देशभक्ति कविता प्रस्तुत की व सभी को नववर्ष की शुभकामना प्रेषित की | प्रधान डॉ. शशि धमीजा ने नववर्ष व् नवरात्र पर बधाई देते हुए नवरात्र के महत्त्व और देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों का वर्णन करते हुए हिन्दू जीवन में शक्ति की उपासना की उपादेयता को रेखांकित करते हुए निराला कृत "राम की शक्ति पूजा" काव्य की विस्तृत चर्चा की | भारत को फिरंगी शासन से मुक्ति दिलाने के लिए क्रान्तिकारियों की एक लम्बी श्रृंखला की चर्चा करते हुए उन्हें नमन किया और इन सभी क्रांतिकारियों के प्रमुख प्रेरणा स्रोत विनायक दामोदर सावरकर के विशेष योगदान के लिए उन्हें स्मरण किया व सावरकर को इतिहास में न्यायोचित स्थान न मिल पाने के प्रति क्षोभ व्यक्त किया | देवकी गुप्ता व अन्य प्रतिभागियों ने भी कार्यक्रम में अपनी सहभागिता की | डॉ. जय प्रकाश गुप्ता व् डॉ. शशि धमीजा द्वारा सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया व् सामूहिक वन्देमातरम गायन से कार्यक्रम का समापन हुआ |

श्रुतलेख प्रतियोगिता- विवेकानंद प्राथमिक पाठशाला - १४ मार्च २०२३

राष्ट्रभाषा विचार मंच द्वारा १५ फरवरी को आयोजित श्रुतलेख प्रतियोगिता का आज पुरस्कार वितरण विवेकानन्द प्राथमिक पाठशाला, रामबाग रोड, अम्बाला छावनी के सभागार में किया गया । इस प्रतियोगिता में कक्षा चार व पाँच के लगभग ४० बच्चों ने भाग लिया था । मुख्य अभ्यागत हिन्दी प्रचार प्रसार समिति अम्बाला शहर के श्री प्रेम अग्रवाल ने प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त विद्यार्थियों को मंच की ओर से पुरस्कार व प्रमाण पत्र दिए । इस अवसर पर बोलते हुए प्रेम अग्रवाल ने बच्चों को प्रेरणा व प्रोत्साहन का संदेश देते हुए अपनी भाषा व राष्ट्र के प्रति समर्पित भाव से अपने उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर रहने को प्रेरित किया । इस अवसर पर उपस्थित राजकीय महाविद्यालय के अंग्रेजी शिक्षक प्रो. संजय शर्मा ने बच्चों को अपनी मातृभाषा व संस्कृत के महत्व से अवगत कराते हुए प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं प्रेषित कीं । मंच की प्रधान डॉ. शशि धमीजा ने सिद्धान्त एवम् व्यवहार दोनों में अपनी राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रति आग्रही होने पर बल देते हुए विद्यालय के विद्यार्थियों व शिक्षिकाओं की सराहना की व प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों को बधाई दी । मंच के महामन्त्री डॉ. जय प्रकाश गुप्त ने सभी प्रतियोगी विद्यार्थियों की सराहना करते हुए विद्यालय के शिक्षक वर्ग की भी प्रशंसा की व शुभकामनाएं प्रेषित कीं व विद्यालय के प्रति आभार व्यक्त किया । विद्यालय की प्रधानाध्यापिका श्रीमती नीलम गोगिया ने प्रतियोगिता के आयोजन के लिए राष्ट्रभाषा विचार मंच के प्रति धन्यवाद प्रस्तुत किया व भविष्य में भी ऐसे आयोजनों के लिए मंच को निमन्त्रित किया । आयोजन में विशिष्ट अभ्यागत के रूप में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की पूर्व विज्ञान शिक्षिका देवकी गुप्ता भी उपस्थित रहीं । पुरस्कारों की श्रृंखला में प्रथम पुरस्कार कक्षा पाँच की हिमांशी को, द्वितीय कक्षा पाँच की सोनम को व तृतीय कक्षा चार की अदिति को दिया गया ।